
बिहार डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर के एक गांव में बेटी के साथ की जा रही छेड़खानी से आजिज पिता ने मनचले युवक की घर में पीटकर हत्या कर दी। शनिवार की रात इस घटना को अंजाम देने के बाद हत्यारोपी पिता ने खुद वाल्मीकिनगर थानाध्यक्ष अर्जुन कुमार को फोन कर जानकारी दी। बगहा के एसडीपीओ कैलाश प्रसाद ने बताया कि मृत युवक के पिता की शिकायत पर लड़की के परिवार के सात लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गयी है। एफआईआर में नामजद लड़की के पिता व भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना के पीछे प्रेम प्रसंग का मामला सामने आया है।
एफआईआर में लड़के के पिता ने बताया है कि उसका 26 वर्षीय बेटा अपने घर पर था। तभी लड़की के परिवार का एक युवक बाइक से आया और उनके बेटे को बुलाकर ले गया। कहा कि तुम लोगों का मामला सुलह करा दे रहा हूं। उसके दो घंटे बाद लड़के ने अपने बड़े भाई के मोबाइल पर फोन कर बताया कि उसे लड़की वालों ने घर में कैद कर रखा है। जल्दी आइए नहीं तो वे लोग हत्या कर देंगे।
इधर, रविवार की सुबह घटनास्थल पर छानबीन करने पहुंचे एसडीपीओ व थानाध्यक्ष को मुख्य आरोपी लड़की के पिता ने बताया कि पिछले पांच वर्षांे से मनचले युवक ने उनके पूरे परिवार को तंग कर रखा था। बेटी के साथ बराबर छेड़खानी करता था। उसके उपर केस भी दर्ज कराया गया था। लेकिन फिर भी वह मानने को तैयार नहीं था। शनिवार की रात वह अचानक घर पर आ पहुंचा। छेड़खानी से तंग आ चुके पिता ने उसे कमरे में बंद कर लाठी से मार मौत के घाट उतार दिया। पिता के इस खुलासे के बाद पुलिस ने घटनास्थल से खून से सनी लाठी भी बरामद कर लिया है।
सर, बेटी का राह चलना कर दिया था मुश्किल
वाल्मीकिनगर में बेटी के छेड़खानी से आजिज पिता ने मनचले युवक की हत्या करने के बारे में पुलिस पदाधिकारियों को बताया तो वे लोग हतप्रभ रह गए। एसडीपीओ ने कहा कि आपने पुलिस में शिकायत दर्ज क्यों नहीं करायी? हत्यारोपी पिता ने कहा कि सर केस करके उसे जेल भेजवाया था। लगभग एक पखवारे तक जेल में था। वह पुलिस वालों से भी उलझ जाता था। लड़की के पिता ने बताया कि उसकी बेटी एक बैंक में प्राइवेट तौर पर काम करती थी। मनचला युवक बैंक में पहुंच गया। वहां पर बदतमिजी शुरू कर दी, जिसके चलते बैंक का काम भी बेटी को छोड़ना पड़ा। उसके बाद बेटी की स्कूटी भी उसने गायब करवा दी। बाद में उसी की निशानदेही पर स्कूटी मिली। लड़की का राह चलना मुश्किल कर दिया था। ऐसे में यह एक पिता के लिए कितना कष्टदायक था, आप समझ सकते है। एसडीपीओ ने कहा कि कानून को हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है। आपने जो किया है वह गलत कार्य है। अगर आपको या आपकी बेटी को परेशान किया जा रहा था तो आपको पुलिस के पास जाना चाहिए था।